TRAI New Rule 2025: स्मार्टफोन के इस युग में, दो सिम कार्ड का उपयोग करना आम हो गया है। आजकल अधिकतर लोग अपने फोन में एक प्राइमरी और एक सेकेंडरी सिम का प्रयोग करते हैं। प्राइमरी सिम का उपयोग मुख्य रूप से नियमित कॉल्स, डेटा और अन्य सेवाओं के लिए किया जाता है, वहीं सेकेंडरी सिम अन्य विशेष उद्देश्यों के साथ या बैकअप के रूप में रखी जाती है। हालांकि, सेकेंडरी सिम कार्ड को सक्रिय रखने के लिए बार-बार रिचार्ज कराना एक आर्थिक बोझ बन गया था। इस परेशानी को दूर करने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण नियम लागू किए हैं।
TRAI के नए नियम: सेकेंडरी सिम उपयोगकर्ताओं को राहत
TRAI के नए नियमों के तहत, यदि कोई सिम कार्ड 90 दिनों तक निष्क्रिय रहता है—यानी उसमें कोई आउटगोइंग या इनकमिंग कॉल, मैसेज या डेटा उपयोग नहीं किया जाता—तो उसे डिएक्टिवेट माना जाएगा। हालांकि, उपयोगकर्ताओं को सिम को फिर से सक्रिय करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। टेलीकॉम कंपनियों द्वारा उपाय किए जाएंगे ताकि उपयोगकर्ता अपने सिम को रिचार्ज करके उसे पुनः सक्रिय कर सकें।
इस नियम के अनुसार, यदि किसी सिम कार्ड में कुछ बैलेंस है, तो टेलीकॉम कंपनियां उसे 30 दिनों तक सक्रिय रख सकती हैं, जिसमें केवल 20 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। यह सुविधाजनक है, खासकर उन उपयोगकर्ताओं के लिए जो अपने सेकेंडरी सिम का उपयोग कम करते हैं लेकिन फिर भी इसे सक्रिय रखना चाहते हैं।
डिएक्टिवेशन और पुनः सक्रियण की प्रक्रिया
यदि कोई सिम 90 दिनों तक उपयोग नहीं किया गया और उसमें बैलेंस भी नहीं है, तो उसे डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा। लेकिन TRAI ने उपयोगकर्ताओं के हित में कदम उठाया है। डिएक्टिवेशन के बाद, उपयोगकर्ताओं को अपने नंबर को पुनः सक्रिय करने के लिए 15 दिनों का ग्रेस पीरियड मिलेगा। इस दौरान वे अपने सेवा प्रदाता की कस्टमर सर्विस से संपर्क करके या किसी टेलीकॉम स्टोर पर जाकर अपने नंबर को पुनः चालू करवा सकते हैं।
राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0: ग्रामीण भारत के लिए नई संभावनाएं
TRAI के नियमों के अलावा, भारत सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 की घोषणा की है। इसका लक्ष्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। इस मिशन के तहत 2030 तक देश के लगभग 2.70 लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की योजना बनाई गई है। इससे ग्रामीण इलाकों के स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और पंचायत कार्यालयों को उच्च गति वाले ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ा जाएगा।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूत करना और ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है। इससे ई-शिक्षा, टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस और ई-कॉमर्स जैसी कई डिजिटल सेवाओं तक ग्रामीण आबादी की पहुंच बढ़ेगी।
संचार साथी ऐप: उपयोगकर्ताओं के लिए डिजिटल मददगार
सरकार ने ‘संचार साथी’ नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च किया है, जो उपयोगकर्ताओं को उनके सिम कार्ड और मोबाइल नंबर से संबंधित जानकारी प्रदान करता है। इस ऐप के माध्यम से, उपयोगकर्ता अपने सिम की स्थिति की जांच कर सकते हैं और डिएक्टिवेशन व रिचार्ज से जुड़ी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं। यह ऐप उपयोगकर्ताओं और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के बीच एक सेतु का कार्य करता है।
नए नियमों के लाभ
TRAI द्वारा पेश किए गए नए नियमों के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं। सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब उपयोगकर्ता बिना महंगे रिचार्ज कराए भी अपने सेकेंडरी सिम को सक्रिय रख सकेंगे, जिससे उनका पैसा बचेगा। इसके साथ ही, 20 दिनों का अतिरिक्त समय और डिएक्टिवेशन के बाद 15 दिनों का ग्रेस पीरियड उन्हें अपने नंबर को बचाने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है।
इसका अर्थ है कि सिम के डिएक्टिवेशन की प्रक्रिया अब उपयोगकर्ता-अनुकूल और पारदर्शी हो गई है। इसके अलावा, राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 के माध्यम से, ग्रामीण भारत में इंटरनेट सेवाओं की पहुंच भी बेहतर होगी।
लॉगर डिजिटल बदलाव की दिशा में
TRAI के नए नियम और राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 भारत के डिजिटल परिवर्तन की यात्रा में महत्वपूर्ण मील के पत्थर साबित होंगे। ये पहल न केवल आम उपयोगकर्ताओं को राहत प्रदान करती हैं, बल्कि देश के दूरदराज के इलाकों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच को भी बढ़ाती हैं।
यदि आप दो सिम कार्ड का उपयोग करते हैं, तो TRAI के ये नए नियम निश्चित रूप से आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे। इसी के साथ, ‘संचार साथी’ ऐप का उपयोग कर आप अपने सिम की स्थिति की जांच कर सकते हैं और उसका प्रबंधन कर सकते हैं।
इन परिवर्तनों से न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण भारत के नागरिकों को भी डिजिटल युग के लाभों से जोड़ा जाएगा। यह कदम डिजिटल समावेशन की दिशा में एक सार्थक प्रयास है, जिसका लाभ आने वाले समय में सभी उपयोगकर्ताओं को होगा।