RTO Vehicle Registration Cancel: भारत सरकार ने बढ़ते प्रदूषण, सड़क दुर्घटनाओं और वाहनों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। इस नई नीति के तहत, 15 साल से अधिक पुराने सरकारी और 20 साल से अधिक पुराने निजी वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा। यह कदम केवल पर्यावरण के संरक्षण के लिए नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा को भी सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
वाहन स्क्रैपिंग नीति का मुख्य उद्देश्य
इस नीति का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण में कमी लाना और सड़क सुरक्षा को बढ़ाना है। पुराने और अनुपयुक्त वाहन न केवल वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं, बल्कि ये सड़क दुर्घटनाओं का भी प्रमुख कारक हैं। इसलिए, यह नीति उन वाहनों को लक्षित करती है जो अब सड़कों पर चलने के लिए सुरक्षित नहीं हैं।
प्रभावित वाहन
सरकारी और निजी दोनों प्रकार के वाहनों पर यह नीति लागू होगी:
- सरकारी वाहन: सभी 15 साल से अधिक पुराने सरकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन स्वतः रद्द कर दिया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के वाहन शामिल हैं।
- निजी वाहन: निजी वाहन मालिकों के लिए यह नियम थोड़े अलग हैं। 20 साल से अधिक पुराने निजी वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा, यदि वे फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाते हैं या उनका रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण नहीं होता है। विशेष रूप से दिल्ली-NCR जैसे क्षेत्रों में, डीजल वाहनों के लिए यह सीमा 10 साल और पेट्रोल वाहनों के लिए 15 साल निर्धारित की गई है।
वाहन फिटनेस टेस्ट
वाहन की फिटनेस जांच कई मापदंडों पर आधारित होगी, जैसे:
- प्रदूषण स्तर: यदि वाहन प्रदूषण मानकों को पूरा नहीं करता है, तो इसे अनुपयुक्त माना जाएगा।
- ब्रेकिंग प्रणाली: ब्रेक और अन्य सुरक्षा उपकरणों की जांच की जाएगी।
- अन्य सुरक्षा उपकरण: जैसे सीट बेल्ट और लाइट्स की स्थिति।
यदि कोई वाहन इन परीक्षणों में असफल हो जाता है, तो इसे “End-of-Life Vehicle” घोषित कर दिया जाएगा।
लाभ और छूट
इस नीति के तहत कई लाभ और छूट प्रदान की जा रही हैं:
- नवीनतम वाहन खरीद पर छूट: पुराने वाहन को स्क्रैप करने पर नए वाहन की खरीद पर रोड टैक्स में 25% तक की छूट मिल सकती है।
- रजिस्ट्रेशन शुल्क के लिए माफ़ी: नए वाहन के रजिस्ट्रेशन पर शुल्क माफ किया जा सकता है।
- स्क्रैप मूल्य: पुराने वाहन का स्क्रैप मूल्य प्राप्त होगा, जो 4-6% तक हो सकता है।
इसी तरह के विशेष सरकारी वाहनों को इस नीति से बाहर रखा गया है, और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे।
स्क्रैपिंग प्रक्रिया का अवलोकन
स्क्रैपिंग प्रक्रिया के लिए सबसे पहले आरटीओ में फिटनेस टेस्ट कराना होगा। यदि वाहन अनुपयुक्त पाया जाता है, तो इसे पंजीकृत स्क्रैपिंग सेंटर पर जमा करना होगा। इसके बाद स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट प्राप्त करने पर नए वाहन खरीदने पर लाभ उठाया जा सकेगा।
पर्यावरण और आर्थिक प्रभाव
इस नीति का पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे प्रदूषण स्तर में कमी आएगी और ईंधन दक्षता बढ़ेगी। यही नहीं, इसे लागू करने से ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी, जिससे नए वाहनों की मांग बढ़ेगी और स्क्रैपिंग उद्योग में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
सड़क सुरक्षा पर प्रभाव
पुराने और खराब अवस्था में स्थित वाहनों को हटाने से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी। यह नीति एक संदर्भ देती है, जिसमें सड़क पर सुरक्षित और उचित चलने वाले वाहनों की उपस्थिति बढ़ सके।
वाहन मालिकों के लिए सुझाव
यदि आपका वाहन 15 या 20 साल पुराना है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप जल्द से जल्द फिटनेस टेस्ट कराएं और इसे स्क्रैपिंग सेंटर पर जमा करें। इसके लिए अधिकारियों द्वारा निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्रवाई करना जरूरी है।
निष्कर्ष
भारतीय सरकार की नई वाहन स्क्रैपिंग नीति किसी भी व्यवसायिक हित से अधिक, एक समाजिक और पर्यावरणिक आवश्यकता के रूप में सामने आ रही है। यह न केवल सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी, बल्कि पर्यावरण को भी बचाने का एक मजबूत कदम है। यदि आप अपने पुराने वाहन के बारे में चिंतित हैं, तो आवश्यक कदम उठाने का यह सही समय है। अपनी जिम्मेदारी का पालन करते हुए, आप इस नीति से जुड़े लाभों का भी फायदा उठा सकते हैं।